झारखंड भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत राज्य है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। झारखंड न केवल खनिज संसाधनों के लिए जाना जाता है बल्कि यहां पर बहुत ही खूबसूरत- खूबसूरत झरने हैं, जो पर्यटकों के मन को लुभाते हैं। आईए हम लोग झारखंड के झरनों (Waterfalls of Jharkhand) के बारे में विस्तार से जाने।
Table of content
waterfall | River | Heights |
---|---|---|
1. हुंडरू जलप्रपात | स्वर्णरेखा नदी | 98 मीटर(320फिट) |
2. दशम जलप्रपात | कांची नदी | 44 मीटर(144 फीट) |
3. जोन्हा जलप्रपात | रारू नदी | 150 फीट |
4. पंचघाघ जलप्रपात | बनाई नदी | – |
5. लोध/बूढ़ा जलप्रपात | बूढ़ा नदी | 143 मीटर |
6. मिर्चैया जलप्रपात | उतरी कोयल नदी | 100 फीट |
7. सुगा बांध जलप्रपात | – | 80 फीट |
हुंडरू जलप्रपात ( Hundru waterfall), Waterfalls of Jharkhand
झारखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां कई खूबसूरत झरने हैं। जिनमें से हुंडरू जलप्रपात सबसे फेमस है। यह केवल झारखंड का ही नहीं बल्कि देश का famous fall है, और देश का गौरव भी है।

हुंडरू जलप्रपात रांची जिले में स्थित है, जो शहर से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रांची को City of falls के नाम से भी जाना जाता है। Hundru fall अपनी मनमोहक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह स्वर्णरेखा नदी से लगभग 98 मीटर(320फिट) की ऊंचाई से तीन अलग-अलग धाराओं में गिरती है। जिससे एक अद्भुत मनोरम दृश्य का निर्माण होता है। झरने का पानी साफ और शीतल (ठंडा) होता है। झरने के पानी के छीटों की sounds को सुनकर एक अलग ही तरह का आनंद प्राप्त होता है।
यह झरना प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यहां हजारों की संख्या में हर साल पर्यटक आते हैं और यहां के वातावरण का आनंद लेते हैं। जिससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है, और इस क्षेत्र का विकास होता है। इसके अलावा झरने का पानी सिंचाई और अन्य घरेलू उपयोग के लिए भी किया जाता है।
दशम जलप्रपात (Dassam waterfall), Waterfalls of Jharkhand
यह झरना भी झारखंड के प्रमुख झरनों में से एक है। Dassam fall रांची से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिसकी सुंदरता पर्यटकों के मन को लुभाती है। यह झरना कांची नदी से लगभग 44 मीटर(144 फीट) की ऊंचाई से गिरती है, और गिरते समय 10 धाराओं का निर्माण करती है।ऐसा कुछ लोगों का कहना है कि इन्हीं 10 धाराओं के कारण इसका नाम दशम जलप्रपात पड़ा। जलप्रपात के नीचे एक छोटा सा तालाब बनता है जहां पर्यटक तैर सकते हैं और आराम कर सकते हैं।

दशम जलप्रपात का असली नाम दाःसोम है जो मुंडारी भाषा का शब्द है। दाः का मतलब पानी और सोम का मतलब जमा होता है।
दशम जलप्रपात न केवल अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह, यहां के स्थानीय लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके जल से सिंचाई और कई घरेलू कार्य किए जाते हैं। इसके अलावा यह पिकनिक स्पॉट और मनोरंजन के लिए भी फेमस है।
जोन्हा जलप्रपात (Jonha waterfall), Waterfalls of Jharkhand
यह झरना भी राज्य के खूबसूरत झरनों में से एक है। जोन्हा जलप्रपात को गौतम धारा जलप्रपात के नाम से भी जाना जाता है। यह रांची शहर से लगभग 45 किलोमीटर दूर, रांची पुरुलिया रोड पर स्थित है। यह रारू नदी पर स्थित है और लगभग 150 फीट की ऊंचाई से गिरती है।

इस झरने को गौतम धारा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने यहां स्नान किया था और यहां पर बुद्ध की एक मंदिर भी है। यह मंदिर कई 100 साल पुराना है, जहां हजारों भक्त हर साल पूजा करने आते हैं और साथ में झरने का भी आनंद लेते हैं।
जोन्हा जलप्रपात के आसपास का दृश्य बहुत ही शांत और सुंदर है । हरे-भरे पेड़-पौधे और चट्टान एक अलग ही तरह का प्राकृतिक चित्र का निर्माण करते हैं। जलप्रपात के नीचे एक छोटा सा तालाब बनता है, जिसमें पर्यटक तैर सकते हैं और आराम कर सकते हैं।
जोन्हा जलप्रपात न केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा यह स्थानीय लोगों के लिए भी पिकनिक स्पॉट और मनोरंजन का केंद्र है।
पंचघाघ जलप्रपात (Panchghagh waterfall), Waterfalls of Jharkhand
पंचघाघ जलप्रपात झारखंड के खूंटी जिले में स्थित है, जो रांची शहर से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जलप्रपात बनाई नदी पर स्थित है। पांच छोटे-छोटे जलप्रपातों के समूह के कारण इस जलप्रपात का नाम पंचघाघ पड़ा है। अपने सुंदरता और शांत वातावरण के कारण यह जलप्रपात पर्यटकों के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय है।

पंचघाघ जलप्रपात का प्राकृतिक महत्व के साथ-साथ इसका पौराणिक महत्व भी है। ऐसा कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान अपना कुछ समय इसी क्षेत्र में बिताया था। इसके साथ ही यहां के जलप्रपातों का धार्मिक महत्व भी है, जहां स्थानीय लोग धार्मिक पूजा पाठ करते हैं।
पंचघाघ जलप्रपात जैव विविधता से भरपुर है। यहां की हरियाली और विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय स्थान और आकर्षक बनाता है। इस जलप्रपात के ठंडे पानी में स्नान करना एक अलग ही प्रकार के अनुभव का एहसास कराता है। इसके अलावा यहां पर छोटे-छोटे दुकानें भी हैं, जहां स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया जा सकता है।
लोध/बूढ़ा जलप्रपात (Lodh/Budha Waterfall), Waterfalls of Jharkhand
लोध जलप्रपात को बूढ़ा घाघ जलप्रपात के नाम से भी जाना जाता है। यह लातेहार जिले में स्थित है, जो रांची शहर से लगभग 195 किलोमीटर की दूरी पर है।
बूढ़ा घाघ जलप्रपात झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है, तथा भारत का 21वां ऊंचा जलप्रपात है। यह बूढ़ा नदी से 143 मीटर की ऊंचाई से गिरती है। बुढ़ा नदी से गिरने के कारण ही इसका नाम बूढ़ा घाघ पड़ा है।

जलप्रपात के आसपास का क्षेत्र बहुत ही सुंदर है। हरे-भरे पेड़-पौधे और चट्टानें हमारे मन को लुभाते हैं। बूढ़ा घाघ जलप्रपात की खासियत यह है, कि यह एक बहुस्तरीय जलप्रपात है। पानी कई स्तरों से गिरते हुए एक शानदार दृश्य का निर्माण करता है। जलप्रपात का पानी साफ और शीतल(ठंडा) होता है, जो गर्मी के मौसम में ताजगी प्रदान करता है।
यह जलप्रपात प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसका जल सिंचाई और घरेलू कई घरेलू कार्यों में उपयोग में लाया जाता है। यह जलप्रपात यहां के स्थानीय लोगों के लिए Picnic spot और मनोरंजन का प्रमुख केंद्र है।
मिर्चैया जलप्रपात (Mirchaiya waterfall), Niagara waterfall
मिर्चैया जलप्रपात भी झारखंड के खूबसूरत जलप्रपातों में से एक है। यह लातेहार जिला के गारु ब्लॉक में स्थित है, जो गारु से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है। यह Betla tiger project reserve area के अंतर्गत आता है।
यह जलप्रपात उतरी कोयल नदी से 100 फिट की ऊंचाई से गिरती है, और एक बहुत ही खूबसूरत मनोरम दृश्य का निर्माण करती है। मिर्चैया जलप्रपात की गिनती One of the safest falls में की जाती है।

मिर्चैया जलप्रपात के आसपास का वातावरण बहुत ही शांत और सुंदर है। इसके चारों तरफ की हरियाली और चट्टानें एक प्राकृतिक दृश्य का निर्माण करते हैं।
इस जलप्रपात के आसपास मिर्च की खेती ज्यादा होने के कारण इसका नाम मिर्चैया जलप्रपात पड़ा है।
यह जलप्रपात स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण जल का श्रोत है। इसके पानी से सिंचाई और कई घरेलू कार्य किये जाते हैं। इसके अलावा यहां पर लोग अपने पूरे परिवार के साथ घूमने भी आया करते हैं और यहां के वातावरण का आनंद लेते हैं।
सुगा बांध जलप्रपात (Suga waterfall), Waterfalls of Jharkhand
सुगा बांध जलप्रपात भी झारखंड के खूबसूरत जलप्रपातों में से एक हैं, जो लातेहार जिले के बारेसाड़ में स्थित है। यह वाटरफॉल बेतला से नेतरहाट जाने वाले रास्ते में स्थित है, और बेतला से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है,जो 80 सीट की उससे गिरती है। यह चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा होने के कारण एक अलग ही तरह से खूबसूरती को दिखाता है।

सुगा बांध चारों ओर से पेड़-पौधों से घिरे होने के कारण बहुत ही खुबसूरत दिखाई देता है। इसकी खूबसूरती पर्यटकों के मन को मोह लेता है। स्थानीय लोग इसका पानी से सिंचाई और कई घरेलू कार्य करते हैं।इसके अलावा यहां पर लोग अपने पूरे परिवार के साथ घूमने भी आया करते हैं और यहां के वातावरण का आनंद लेते हैं।