झारखंड प्राकृतिक रूप से बहुत ही समृद्ध राज्य है। यह जंगल, पहाड़, नदी झरना आदि से भरापूरा प्रदेश है। इसके अलावा यहां पर कई किले (famous fort of Jharkhand)/ऐतिहासिक स्थल भी हैं, जो यहां के प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और शौर्य का प्रतीक है। यह न केवल झारखंड के अतीत के बारे में बताता है, बल्कि यह भारत के समृद्ध इतिहास का महत्वपूर्ण धरोहर भी है।
आईए झारखंड के महत्वपूर्ण किला के बारे में जानें :-
NO. | FORT | PLACE |
---|---|---|
1. | पलामू किला | लातेहार |
2. | विश्रामपुर का किला | पलामू |
3. | रातू का किला | रातू(रांची) |
4. | पालकोट का राजमहल | गुमला |
5. | नवरतन गढ़ महल/दोयसा का किला | गुमला |
6. | रोहिल्लों का किला | अलीनगर ,जपला (पलामू) |
7. | पदमा का किला | पदमा(हजारीबाग) |
8. | तेलियागढ़ का किला | राजमहल पहाड़ी(साहिबगंज) |
9. | रामगढ़ का किला | रामगढ़ |
10. | कतरासगढ़ का किला | धनबाद |
11. | पंचकोट का किला | पंचेत पहाड़(धनबाद) |
12. | चैनपुर का किला | मेदिनीनगर (पलामू) |
13. | शाहपुर का किला | पलामू |
14. | नारायणपुर का किला | नावागढ़(लातेहार) |
15. | बादम का किला | हजारीबाग |
16. | इचाक का किला | इचाक(हजारीबाग) |
17. | कुंडा का किला | कुंडा(चतरा) |
18. | तिलमी का किला | कर्रा(खूंटी) |
19. | चक्रधरपुर का रजवाड़ी | चक्रधरपुर(पश्चिमी सिंहभूम) |
20. | नागफेनी का राजमहल | सिसई(गुमला) |
पलामू किला(Palamu fort) – लातेहार, Famous fort of Jharkhand
पलामू किला लातेहार जिला के बेतला में स्थित है। यह Betla National park से लगभग 5km की दूरी पर औरंगा नदी के किनारे स्थित है। इसका निर्माण चेरोवंशी शासको के द्वारा 1619 ई० में कराया गया था।
यहां दो किले हैं – एक नया और दूसरा पुराना। पुराना किले का निर्माण प्रताप राय के द्वारा तथा नए किले का निर्माण चेरो राजा मेदिनी राय के द्वारा किया गया था। प्रताप राय शाहजहां के समकालीन तथा मेदिनी राय औरंगजेब के समकालीन थे।

नए किले में एक नागपुरी दरवाजा है जिसकी लंबाई 40 फीट तथा चौड़ाई 15 फिट है, जिसका निर्माण दोयसा से लाये गये पत्थरों से किया गया था।
इस किला में एक तीन गुंबदों वाला मस्जिद भी स्थित है जिसका निर्माण बिहार के तत्कालीन सूबेदार दाऊद खां ने पलामू विजय के बाद 1661 में करवाया था।
विश्रामपुर का किला(Bishrampur ka kila) – पलामू
विश्रामपुर का किला पलामू के विश्रामपुर में स्थित है। जिसका निर्माण चेरो वंशी शासक राजा तड़वन ने कराया था, जिसे बनने में 9 साल लग गए थे। यहां पर एक मंदिर भी है।

रातू का किला(Ratu ka kila) – रातू(रांची), Famous fort of Jharkhand
रातू का किला झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है। इसकी स्थापना नागवंशी राजा उदयनाथ शाहदेव ने 1870 में कराया था।
नागवंशी राज्य की स्थापना फनी मुकुट राय ने की थी।

रातू किले को लाल किला भी कहा जाता है, क्योंकि यह लाल पत्थर से बना है।
अंग्रेज ठेकेदार के द्वारा निर्माण करवाये जाने के कारण इस पर अंग्रेजी स्थापत्य कला का प्रभाव भी देखने को मिलता है।
पालकोट का राजमहल (Palkot ka Rajmahal)- गुमला
पालकोट का राजमहल गुमला में स्थित है। जिसे नागवंशी शासक यदुनाथ शाह ने निर्माण करवाया था। पालकोट नागवंशी शासक का राजधानी था।
नवरतनगढ़ महल/दोयसा का किला(navratangarh ka kila) – गुमला
नवरतनगढ़ महल गुमला जिले के नगर ग्राम के निकट स्थित है। इसका निर्माण नागवंशी राजा दुर्जन साल ने 1585 ई० में करवाया था। इस समय इसकी राजधानी दोयसा थी। यह महल पांच मंजिला था जिसके प्रत्येक मंदिर पर 9-9 कमरे थे। जिसमें से खजाना का घर लोगों को ज्यादा ही आकर्षित करता था। अभी इसका तीन मंजिली बचा है।

इसे ‘झारखंड का हंपी’ ( Hampi of Jharkhand) भी कहा जाता है।
2019 में इस किले को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है।
रोहिल्लों का किला(Rohillon ka kila) – जपला(पलामू)
यह किला जपला(पलामू) के अलीनगर में स्थित है। जिसका निर्माण रोहिल्ला सरदार मुजफ्फर खां के द्वारा कराया गया था। रोहिल्ला के सरदार के द्वारा निर्माण होने के कारण ही इसका नाम रोहिल्लों का किला पड़ा। इस किला की आकृति त्रिभुज के आकार का है।
पदमा का किला(Padma ka kila) – पदमा(हजारीबाग), Famous fort of Jharkhand
पद्मा का किला पदमा(हजारीबाग) में स्थित है, जो हजारीबाग जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर तथा NH-33 के किनारे अवस्थित है। इसके दीवारों और लकड़ी के दरवाजों पर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है,जो आज भी लोगों को आश्चर्य में डाल देती है। इस किले को देखने के लिए सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। यह किला कई वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस किले के दाहिनी ओर कवटा नदी गुजरती है, जो इसके खूबसूरती में चार चांद लगा देती है।

इसे राज्य सरकार द्वारा पुलिस प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है, जो झारखंड का सबसे बड़ा पुलिस प्रशिक्षण केंद्र(Police Training Centre)है
तेलियागढ़ का किला(Teliyagarh ka kila) – राजमहल पहाड़ी(साहेबगंज)
तेलियागढ़ का किला साहेबगंज के निकट राजमहल पहाड़ी में स्थित है। इसका निर्माण मुगल काल में एक तेली राजा ने कराया था। जिसके कारण इस किले का नाम तेलियागढ़ का किला पड़ा। बाद में यह तेली राजा शाहजहां के काल में इस्लाम धर्म अपना लिया था। इस किले को बंगाल का प्रवेश द्वार(Gateway of Bengal) भी कहा जाता है।
इसके किले का उल्लेख कई पुस्तकों में की गई है। जिसमें आईन-ए-अकबरी, जहांगीर नामा आदि है।
मेगास्थनीज ने भी अपनी पुस्तक इंडिका में इसका उल्लेख काले पत्थरों से निर्मित बड़े बौद्ध विहार के रूप में किया है।
चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपने यात्रा वृतांत में इसका उल्लेख किया है।
रामगढ़ का किला(Ramgarh ka kila) – रामगढ़
रामगढ़ का किला रामगढ़ में स्थित है। जिसका निर्माण रामगढ़ नरेश राजा सबल राय ने करवाया था। इसकी बनावट मुगल शैली से प्रभावित है।
कतरासगढ़ का किला(Katrasgarh ka kila) – धनबाद
कतरासगढ़ का किला धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड के कटनी नदी के तट पर कतरासगढ़ में स्थित है, जिसका निर्माण कतरास के शासको ने 18वीं शताब्दी में करवाया था। वर्तमान समय में यह लगभग टूट चुका है, लेकिन इसका प्रवेश द्वार अभी भी विद्यमान है, जो बहुत ही खूबसूरत और मनमोहक है। कतरासगढ़ के पूर्व राजा इस किले में निवास करते थे।
पंचकोट का किला(Panchkot’s kila) – पंचेत पहाड़(धनबाद), Famous fort of Jharkhand
पंचकोट का किला धनबाद जिले के पंचेत पहाड़ पर स्थित है। जिसका निर्माण गोवंशी शासक गोमुखी ने 1600 ई० में कराया था। पांच दीवारों(कोटों) से घिरे होने के कारण ही इसका नाम पंचकोट पड़ा है।
चैनपुर का किला(Chainpur ka kila) – मेदिनीनगर(पलामू), Famous fort of Jharkhand
यह किला पलामू जिले के मेदिनीनगर(Daltonganj) में कोयल नदी के किनारे स्थित है। जिसका निर्माण चेरो राजा के दीवान पूरणमल के वंशधरों ने कराया था। इस किले में चैनपुर बांग्ला नामक एक नए स्मारक का निर्माण कराया गया है।
शाहपुर का किला(Shahpur ka kila)- पलामू, Famous fort of Jharkhand
शाहपुर किले को शाहपुर चांदनी के नाम से भी जाना जाता है, जिसका निर्माण चेरो वंशी शासक गोपाल राय द्वारा 1772 ई० में कराया गया था। यह किला पलामू जिला के मेदिनीनगर में कोयल नदी के तट पर स्थित है।
नारायणपुर का किला(Narayanpur ka kila) – नावागढ़(लातेहार)
यह किला लातेहार जिला के नावागढ़ में स्थित है। इसका निर्माण चेरोवंशी शासक भागवत राय के लेखापाल जाज दास के द्वारा कराया गया था।
बादम का किला(Badam ka kila) – हजारीबाग, Famous fort of Jharkhand
बादम का किला हजारीबाग शहर से 32 किलोमीटर दूर बादम में स्थित है। इसका निर्माण रामगढ़ के राजा हेमंत सिंह ने 1682 ईस्वी में करवाया था। हेमंत सिंह ने यहां एक शिव मंदिर का भी निर्माण कराया था, जिसके कुछ अवशेष आज भी मौजूद हैं।
इचाक का किला(Ichak ka kila) – इचाक(हजारीबाग)
यह किला हजारीबाग जिला के इचाक प्रखंड में स्थित है। इसका निर्माण राजा तेज सिंह के द्वारा 1772 ईस्वी में किया गया था। इस किले में तीन मंजिला महल निर्मित है।
कुंडा का किला(kunda ka kila) – कुंडा(चतरा)
यह किला चतरा के कुंडा में स्थित है। इसका निर्माण चेरोवंशी राजा द्वारा 14वीं शताब्दी में कराया गया था।
तिलमी का किला(Tilmi ka kila) -कर्रा(खूंटी)
तिलमी का किला खूंटी जिला के कर्रा में स्थित है, जिसका निर्माण नागवंशी ठाकुर अकबर के द्वारा मोक्ष प्राप्ति के उद्देश्य से 1737 ईस्वी में करवाया गया था।
चक्रधरपुर की रजवाड़ी(Chakradharpur ka kila) – चक्रधरपुर(पश्चिमी सिंहभूम)
यह किला पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर में स्थित है, जिसका निर्माण 1910-20 ई० के बीच अर्जुन सिंह के पुत्र नरपति सिंह के द्वारा कराया गया था।
इस महल के निर्माण में राजमहल के ईटों का प्रयोग किया गया था।
राजा के पुत्री शशांक मंजरी ने इसे बेच दिया था।
नागफेनी का राजमहल(Nagfeni ka rajmahal) – सिसई(गुमला)
नागफेनी का किला गुमला के सिसई में स्थित है, जिसका निर्माण लगभग 1704 ई० में किया गया था। इसके दीवारों पर एक आलेख लिखा हुआ है, जिसमें पत्थर पर एक राजा और उसकी 7 रानियों तथा एक कुत्ते का चित्र अंकित है।